
बरेली में गंगा और रामगंगा नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, जिससे हालात गंभीर बने हुए हैं। जिले के 28 गांवों में बाढ़ का पानी भर गया है और हजारों लोग प्रभावित हुए हैं। गंगा नदी का जलस्तर पिछले पांच दिनों से खतरे के निशान से ऊपर बना हुआ है, जिसका असर दातागंज और सहसवान के 22 गांवों में देखा जा रहा है। इन गांवों के लोग अब शरणार्थी शिविरों में सुरक्षित भेजे जा रहे हैं। वहीं, रामगंगा नदी का जलस्तर भी बृहस्पतिवार से तेजी से बढ़ा है और शुक्रवार तक इसकी वजह से छह गांव जलमग्न हो गए हैं, जिनका आवागमन पूरी तरह से ठप हो चुका है।
बदायूं शहर के उत्तर में बहने वाली रामगंगा और दक्षिण में गंगा नदियां उफान पर हैं। दातागंज इलाके के गांवों में रामगंगा के पानी ने रास्तों को जलमग्न कर दिया है। शाहजहांपुर मार्ग तक पानी पहुंच चुका है, जिससे आवागमन बाधित हो गया है। इसी बीच नगरिया खनू गांव की श्यामवती, जो कि कोल्ड स्टोरेज में काम करती हैं, पानी में फंस गई थीं। ग्रामीणों द्वारा प्रशासन को सूचित करने पर स्टीमर की मदद से उन्हें सुरक्षित बाहर निकाला गया।
गांवों में पानी का कहर इतना बढ़ा है कि कई रास्ते जैसे गढ़िया पैगम्बरपुर, हजरतपुर, नवादा बदन और शेरपुर के पास के मार्ग पानी में डूब गए हैं। अब इन इलाकों में आवागमन केवल नाव और ट्रैक्टर के जरिए ही संभव हो पा रहा है। कई ग्रामीण जान जोखिम में डालकर वाहन लेकर जा रहे हैं क्योंकि आसपास से संपर्क कट चुका है।
सहसवान के वीरसहाय नगला सहित कई गांवों में भी बाढ़ ने खूब तबाही मचाई है। घरों के अंदर सामान भीग गया है और बिजली आपूर्ति बाधित हो गई है। लोग बैटरी किराए पर लेकर मोबाइल चार्ज कर रहे हैं। जानवरों को सुरक्षित ऊंची जगह पर बांधकर उनकी देखभाल की जा रही है, लेकिन चारे की कमी और कीचड़ में फंसे जानवरों ने ग्रामीणों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं।
पिछले वर्ष प्रशासन द्वारा पानी के मार्ग को मोड़ने के लिए लगाए गए प्रयास भी सफल नहीं हो सके। गांवों को बचाने के लिए लोग बांध पर डाली डाल कर कोशिशें कर रहे हैं, कुछ लोग वहां ही दिन गुजारने को मजबूर हैं।
गंगा के किनारे बसे उसहैत के पास का जटा गांव पूरी तरह बाढ़ की चपेट में आ गया है, लेकिन ग्रामीण अपने गांव छोड़ने को तैयार नहीं हैं। वहीं, बेहटी गांव में भी पानी बढ़ रहा है। गंगा के जलस्तर में आई इस तेजी से इलाके के कई गांव पानी में डूब गए हैं जैसे बेहटी, तोफिया नगला, ठकुरी नगला, जटा, कोतल नगला, कमले नगला, भमरौलिया, वीर सहाय नगला, खागी नगला, रैपुरा, कदम नगला, कमलईयापुर, दलपत नगला, जसवंत नगला, प्रेमी नगला, सिठौलिया खाम, नगरिया खनू, कटकोरा, देवरनियां, नवादा बदन, गढ़िया पैगम्बरपुर, कटक आदि।
प्रशासन ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के साथ ही राहत कार्य शुरू कर दिए हैं। हालांकि जलस्तर में वृद्धि के कारण हालात चिंताजनक बने हुए हैं और ग्रामीणों से सावधानी बरतने का अनुरोध किया गया है। बाढ़ के पानी से बचाव के लिए स्थानीय प्रशासन अलर्ट पर है और बचाव दल सक्रिय हैं ताकि किसी भी आपदा की स्थिति में समय पर सहायता मिल सके।
यह स्थिति पूरे क्षेत्र के लिए गंभीर चेतावनी है कि नदियों के जलस्तर में निरंतर हो रही बढ़ोतरी से होने वाले नुकसान को रोकने के लिए सभी को सतर्क और सजग रहना होगा। लोग नदी किनारे जाने से बचें और प्रशासन की सलाह के अनुसार ऐहतियाती कदम उठाएं।
इस आपदा की वजह से हजारों लोग घरों से बेघर हुए हैं, उनकी सुरक्षा और पुनर्वास के लिए प्रशासन पूरी तरह से तैनात है और राहत सामग्री वितरित की जा रही है ताकि प्रभावित लोग जल्द से जल्द सामान्य जीवन की ओर लौट सकें।